वेबवार्ता (न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 5 जुलाई। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि भाजपा सरकार ने अपने सौ झूठ में एक नया झूठ वृक्षारोपण को भी जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री का दावा है कि उनके कार्यकाल में 100 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। लेकिन एक दिन में ही 25.51 करोड़ पौधे रोपने के दावे के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सबके बावजूद उत्तर प्रदेश में हर तरफ हरियाली क्यों नहीं छा गई है और प्रदेश का वन क्षेत्र दुगना-चैगुना क्यों नहीं बढ़ गया?
वृक्षारोपण अभियान के सम्बंध में बड़े-बड़े दावों और रिकॉर्ड बनाने के विज्ञापनों के अलावा प्रदेश सरकार अब तक यह ब्यौरा नहीं दे पायी कि कहां कितने वृक्ष लगे हैं और उनमें कितने बचे हैं? भाजपा वृक्षारोपण के नाम पर वस्तुतः बजट का बंदरबांट करती है। उसकी नीति और नियत दोनों में खोट है। भाजपा सरकार वृक्षारोपण का बहाना बनाती है और हकीकत में झूठ और नफरत के बीज बोती है। अगर वह सही अर्थों में वृक्षारोपण के लिए प्रतिबद्ध है तो उसे इस सम्बंध में साढ़े चार साल के कार्यकाल का श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। इससे सत्यता का पता चल जायेगा।
भाजपाई दावों के विपरीत समाजवादी सरकार के समय वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया गया था। उसका गिनीज बुक में विश्व रिकॉर्ड बना था। लगाए गए पौधे बचे रहे इसलिए बुन्देलखण्ड में तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया था। हरित पार्कों का विकास किया गया था। समाजवादी सरकार के कार्यकाल में ही लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र पार्क बनें जहां विविध किस्म के पौधे रोपे गएं। भाजपाई सहित हजारों लोग सुबह-शाम इन पार्कों में घूमने आते हैं और खुली तथा स्वच्छ हवा में सांस लेते हैं। भाजपा सरकार ने इन स्थलों के प्रति पूर्ण उपेक्षा भाव अपनाया हुआ है। हरियाली खत्म करने की साजिश है।
प्रकृति के साथ भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जितना खिलवाड़ करना चाहें कर लें, और झूठे आंकड़ों से प्रदेश को हरा-भरा बना दें परन्तु जनता जब इन सबका सत्यापन करेगी तो भाजपा को लेने के देने पड़ जाएंगे। सन् 2022 में भाजपा के झूठ की जगह समाजवादी पार्टी का सच और काम बोलता नज़र आएगा।