पूरी परियोजनाओं को तत्काल सम्बन्धित विभागों को हैण्डओवर किया जाय - केशव मौर्य


वेबवार्ता(न्यूज़ एजेंसी)/अजय कुमार वर्मा 
लखनऊ 13 अगस्त। उ0प्र0 के उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि जो परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं, उन्हे तत्काल सम्बन्धित विभागों को हैण्डओवर कराया जाय। उन्होने कहा कि जिन विभागों द्वारा हैण्डओवर करने में आनाकानी की जा रही है, उनके उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक करके गतिरोधों को दूर करते हुये हैण्डओवर कराया जाय। श्री मौर्य आज यहाॅ लोक निर्माण विभाग स्थित तथागत सभागार में उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
      केशव प्रसाद मौर्य ने निर्देश दिये कि जो परियोजनाएं प्रगतिशील हैं, उनके पूरा करने की समय-सीमा निर्धारित की जाय और तय समय-सीमा में परियोजनाएं पूरी की जांय। उन्होने कहा कि राजकीय निर्माण निगम की आय को बढ़ाने के हर सम्भव उपाय किये जांय। देश व विदेश के टेण्डरों में भी राजकीय निर्माण निगम सहभागी बनकर विदेशों में भी अपनी शाख बनाए। ग्लोबल टेण्डर के लिये एक यूनिट स्थापित की जाय।
      गौरतलब है कि राजकीय निर्माण निगम के 18 अंचलों द्वारा उ0प्र0 के अन्दर व 7 अंचलों द्वारा उत्तर प्रदेश के बाहर अन्य कई प्रान्तों में कार्य कराये जा रहे हैं। श्री मौर्य ने कहा कि राजकीय निर्माण निगम अपने कार्यों का विस्तार करने की योजना बनाए। बैठक में बताया गया कि राजकीय निर्माण निगम प्रतिवर्ष रू0 5 हजार करोड़ की धनराशि के कार्य करने की क्षमता रखता है। उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम के प्राॅफिट को और अधिक बढ़ाने के हर सम्भव प्रयास किये जांय।
      उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के रू0 40 लाख तक के ठेकों मंे अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत व अनुसूचित जाति को 21 प्रतिशत व अनुसूचित जनजाति को 2 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की प्रक्रिया अन्तिम दौर में चल रही है। सेतु निगम व उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम भी रू0 40 लाख तक के ठेकों में लोक निर्माण विभाग की तरह आरक्षण का प्राविधान किये जाने का ड्राफ्ट प्रस्तुत करें।
      उन्होने कहा कि अंचलवार कार्यों की गहन समीक्षा की जाय और जहाॅ अच्छे कार्य हों वहां के स्टाफ को प्रोत्साहित किया जाय लेकिन जहां से अपेक्षित परिणाम न आये वहां पर दण्डात्मक कार्यवाही भी की जाय। उन्होने कहा कि निगम के जो टेण्डर अवशेष हों वह तत्काल कर लिये जांय। श्री मौर्य ने कहा कि 10-10 ठेकेदारों को बुलाकर उनकी बैठक की जाय तथा उनकी समस्याएं भी सुनी जांय और नियमानुसार निराकरण किया जाय। श्री मौर्य ने कहा कि राजकीय निर्माण निगम के संगठनात्मक ढ़ांचे को मजबूत किया जाय। मैनपाॅवर की कमी होगी, तो उसे भी दूर किया जायेगा। उन्होने कहा कि राजकीय निर्माण निगम के कार्यों की प्रगति व वित्तीय स्थिति तथा प्राफिट आदि का सम्पूर्ण विवरण तथ्यात्मक आंकड़ों के साथ प्रतिमाह उपलब्ध कराया जाय। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि जिन विभागों के कार्य चल रहे हैं और उनसे धनराशि लेना हो तो समय से डिमान्ड करके धनराशि ले ली जाय। उन्होने कहा कि संचालित परियोजनाओं का लगातार निरीक्षण किया जाय। उन्होने इस बात पर भी विशेष रूप से ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये कि ब्लैक लिस्टेड फर्मों को काम न मिलने पाये।
      उन्होने राजकीय निर्माण निगम को सामाजिक सरोकारों से जुड़ने के निर्देश देते हुये कहा कि निगम पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन व सन्तुलन में, स्वच्छता व जल संरक्षण जैसे रचनात्मक कार्यों में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करें। कार्यालयों में स्वच्छता रखी जाय। खाली जमीनों पर वृक्षारोपण किया जाय और जल संचयन और संरक्षण के भी उपाय किये जांय।
     बैठक में राज्यमंत्री लोक निर्माण विभाग चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, प्रमुख सचिव लो0नि0वि0 नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव लो0नि0वि0 रंजन कुमार, विभागाध्याक्ष लो0नि0वि0 राजपाल सिंह, प्रबन्ध निदेशक राजकीय निर्माण निगम सत्य प्रकाश, मुख्य अभियन्ता (भवन) आर0के0 सक्सेना, ओ0एस0डी0 प्रदीप कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।