लखनऊ/अजय कुमार वर्मा
अगले जन्म में अगर फिर से मुझे आईएएस अफसर बनने का मौका मिला तो 'मैं गुस्सा कभी नही करूंगा'। अपने गुस्से को आज मैं अपनी एक कमी के रूप में मानता हूँ। उपरोक्त बातें यूपी और केन्द्र सरकार में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर काम कर चुके रिटायर्ड आइएएस अधिकारी अनिल स्वरूप ने सेवानिवृत्ति के बाद लिखी गयी अपनी पुस्तक के विमोचन के दौरान कहीं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अनिल स्वरूप की सद्य प्रकाशित पुस्तक 'नौकरशाह ही नहीं' का विमोचन हुआ। पुस्तक अनिल स्वरूप ने पहले आईपीएस और बाद में आईएएस अधिकारी के रूप में कार्य करने के दौरान हुए खट्टे मीठे अनुभवों और सीख पर लिखी है। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण पहले ही आ चुका है।
अनिल स्वरूप से पहले भी कई प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सेवानिवृत्ति के उपरान्त पुस्तक के माध्यम से अपने अनुभवों को साझा किया गया है। कई अधिकारी सर्विस के दौरान भी लेखन करते रहे हैं, हालांकि उपरोक्त लेखन साहित्यिक परिधि तक ही सीमित रहा। परन्तु, सेवानिवृत्ति के उपरान्त अनेक अधिकारियों द्वारा सर्विस पीरियड के समय की बड़ी बातों का भी खुलासा लेखन के माध्यम से किया गया। कुछ इसी परम्परा के तहत अनिल स्वरूप ने भी यह पुस्तक लिखी है। और इस पुस्तक में भी सिस्टम के बारे में कई खुलासे किए हैं। विमोचन के दौरान खुद अनिल स्वरूप ने स्वीकारा कि सर्विस के दौरान हम बाध्य थे कि सिस्टम को लेकर हम अपनी सीमा को न लांघे। परन्तु अब समय है कि उन बातों को समाज के सामने लाया जाए जिससे सिस्टम की खामियों को ठीक करने में मदद मिले।
पुस्तक विमोचन के दौरान अनिल स्वरूप के साथ रिटायर्ड आईएएस रोहित नन्दन और गोपबंधु पटनायक भी उपस्थित रहे। विमोचन का यह कार्यक्रम पत्रकारों के यूनियन भवन (यूपी प्रेस क्लब) में आयोजित हुआ और इसमें ज्ञानेन्द्र शर्मा, अतुल चन्द्रा, वीरेन्द्र सक्सेना, वीर विक्रम बहादुर मिश्र, रवीन्द्र सिंह, सुरेश बहादुर सिंह, अमिता वर्मा, पीके तिवारी, राकेश पाण्डेय, सुमन गुप्ता और शिव शरण सिंह जैसे अनेक वरिष्ठ गणमान्य और समकालीन पत्रकार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में यूपी प्रेस क्लब के अध्यक्ष रवीन्द्र सिंह और यूपीडब्ल्यूजेयू के अध्यक्ष हसीब सिद्दीकी तीनो अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारियों के साथ मंच पर बैठे थे, साथ ही लंबे समय से बड़े सरकारी गैर सरकारी कार्यक्रमों का संचालन करने के अनुभवी तथा आकाशवाणी और दूरदर्शन की भी आवाज राह चुके पत्रकार पीके तिवारी ने की।