अजय कुमार वर्मा
लखनऊ 21 दिसम्बर। प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि बैंकर्स प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत स्वीकृत 1969 परियोजनाओं के सापेक्ष उद्यमियों को तत्काल ऋण वितरित करते हुए आगामी 31 दिसम्बर तक सब्सिडी क्लेम का कार्यवाही सुनिश्चित करें। इन परियोजनाएं के धरातल पर उतरने से जहां लगभग 16000 लोगों को रोजगार के अवसर सुलभ होगें, वहीं भारत सरकार से सब्सिडी की राशि भी समय से प्राप्त हो जायेगी जायेगी। इसके साथ ही उन्होंने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति श्रेणी के उद्यमियों को विशेष वरीयता प्रदान करते हुए उनके ऋण आवेदन पत्रों को तत्काल स्वीकृत करने के निर्देश भी बैंक अधिकारियों को दिए।
डा0 सहगल ने यह निर्देश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड कार्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत ऋण वितरण में बैंकों की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति माह फरवरी 2020 तक हर हाल में कर ली जाय। चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए 875.00 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रवाह एवं 258.00 करोड़ के मार्जिन मनी (अनुदान) के साथ 8591 औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही माह फरवरी 2020 तक लक्ष्य की प्रप्ति के निर्देश भी बैंकों को दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में 70000 लोगों को नियमित रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे और भारत सरकार से अतिरिक्त वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करके और अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा।
प्रमुख सचिव ने प्रदेश के सभी जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केन्द्र के महाप्रबंधकों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत प्राप्त आवेदन पत्रों को प्रतिमाह चयनित कर निर्धारित अवधि के भीतर बैकों को प्रेषित किया जाय, ताकि बेरोजगार लोगों में निराशा का भाव उत्पन्न न हो और उन्हें सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का शीघ्रातिशीघ्र लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने वाले महाप्रबंधकों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जायेगी। बैठक में सभी प्रमुख बैंकों के बैंकर्स एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।